क्रिस्प द्वारा मेघालय के आई.टी.आई. प्रशिक्षकों और प्राध्यापकों हेतु कार्यशाला का आयोजन

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सेन्टर फॉर रिसर्च एंड इंडस्ट्रियल स्टॉफ परफॉरमेंस द्वारा मेघालय के विभिन्न जिलों से आये 10 शासकीय (आई.टी.आई.) प्रधानाध्यापकों के लिए पांच दिवसीय कार्यशाला आयोजन किया जा रहा है |

क्रिस्प द्वारा मेघालय सरकार को शासकीय आई.टी.आई. के उन्नयन में तकनीकी सहायता प्रदान की जा रही है| इसके अन्तर्गत क्रिस्प द्वारा श्रम निदेशालय रोज़गार और शिल्पकार प्रशिक्षण विभाग के 10 आई.टी.आई. में 28 ट्रेड के प्रशिक्षकों, सहायक कर्मचारियों को तकनीकी प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है एवं प्रधानाध्यापकों एवं श्रम विभाग के अधिकारियों की कैपेसिटी बिल्डिंग की जा रही है |

इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य शासकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आई.टी.आई.) के प्रबंधन को सुचारू रूप से चलाने व कार्यप्रणाली को बेहतर बनाना है जिससे प्रशिक्षकों के साथ-साथ विद्यार्थियों का भी कौशल उन्नयन हो सके एवं वे रोज़गार के उन्नत अवसर प्राप्त कर सकें |

DSC 1858इस कार्यशाला में विषय विशेषज्ञों द्वारा विभिन्न विषयों पर सत्र आयोजित किए जाएंगे | कार्यशाला के प्रथम दिन लाइफ कोच श्री सुमित साहनी द्वारा प्रधानाध्यापकों से उनके जीवन और कार्यक्षेत्र के बारे में विस्तार से चर्चा कर उन्हें मनोविज्ञान के सिद्धांत और संव्यवहार विश्लेषण के बारे में बताया गया |

कार्यशाला के आगामी सत्र में विषय विशेषज्ञ तनाव प्रबंधन (स्ट्रेस मैनेजमेंट), साउंड हीलिंग, लीडरशिप एंड इमोशनल इंटेलिजेंस, वर्क लाइफ बैलेंस के बारे होंगे | प्रशिक्षणार्थीयों को क्लासरूम प्रशिक्षण के साथ-साथ सम्बंधित उद्योगों का भ्रमण भी करवाया जाएगा जिससे कि प्रशिक्षणार्थी अपने क्षेत्र में अद्यतन टेक्नोलॉजी और उद्योगों की आवश्यकताओं को बारीकी से समझ सकें | इसी परिपेक्ष्य में अगले सप्ताह क्रिस्प द्वारा प्रशिक्षणार्थीयों का ओरिएंटेशन प्रोग्राम आई.आई.एम. इंदौर में रखा गया है | यह प्रशिक्षणार्थियों को वहां की कार्यशैली और प्रबंधन को समझने में और इसकी सर्वोत्तम प्रथाओं (बेस्ट प्रैक्टिसेस) को अपने आई.टी.आई. में अमल में लेन में / लागू करने में सहायता करेगा |

क्रिस्प के प्रबन्ध संचालक श्री श्रीकांत पाटिल ने बताया की प्रशिक्षण के द्वरा प्रशिक्षणार्थियों को उनके क्षेत्र में अद्यतन टेक्नोलॉजी और उद्योगों की आवश्यकताओं से अवगत कराया जाएगा ताकि वे अपने विद्यार्थिओं को और अधिक प्रभावी ढंग से प्रशिक्षण प्रदान कर सकें |