"देश के युवाओं में अद्भुत प्रतिभा और क्षमता है। हमारे युवा हर क्षेत्र में आगे हैं। यही हुनर और कौशल हर इंसान को उन्नत बनता है। युवाओं को सही दिशा में आगे बढ़ने के लिए कौशल विकास यानी स्किल डेवलपमेंट अत्यंत महत्वपूर्ण है। और यह लगातार प्रशिक्षण से ही मुमकिन होगा। आत्मनिर्भर भारत का सपना भी तभी साकार होगा जब हमारे युवा कुशल और सक्षम होंगे।’ यह कहना था क्रिस्प के प्रबंध निदेशक डॉ. श्रीकांत पाटिल का। विश्व युवा कौशल दिवस के अवसर पर, आईटीआई (मुगालियाछाप) में आयोजित एक कार्यक्रम में वह यह अपनी बात रख रहे थे।
कार्यक्रम का आयोजन सेंटर फॉर रिसर्च एंड इंडस्ट्रियल स्टाफ परफॉर्मेंस (क्रिस्प) द्वारा किया गया। इस कार्यक्रम में क्रिस्प के डायरेक्टर श्री अमोल वैद्य, आईटीआई- मुगालियाछाप के प्रिंसिपल श्री श्याम मिश्रा और क्रिस्प के सभी विभाग के प्रमुख और छात्र मौजूद थे। कार्यक्रम की शुरुआत स्वमी विवेकानंद जी की मूर्ति पर माल्यार्पण से हुई।
कार्यक्रम में विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए डॉ. पाटिल ने कहा कि “आप देश के भविष्य हो, आपकी बुद्धि, आपके हाथों का कौशल, और आपके मन की शक्ति एक साथ आ जाती है तो दुनिया में एेसी कोई चीज़ नहीं है, जो आप हासिल न कर पाएं।"
उन्होंने बच्चों से प्रण लेने को कहा कि आप सभी तय करें कि आगे आने वाले 10 वर्षों में उन्हें क्या बनना है। किस दिशा में अपना नाम रोशन करना है। उन्होंने कहा कि हमने पिछले 28 वर्षों में कौशल विकास के माध्यम से हजारों युवाओं को सशक्त किया है। हमारा उद्देश्य है कि हम मध्यप्रदेश के हर कोने में कौशल विकास की ज्योति जलाएं और युवाओं को एक उज्जवल भविष्य की ओर अग्रसर करें।”
क्रिस्प, निदेशक, श्री अमोल वैद्य ने इस वर्ष विश्व युवा कौशल दिवस की थीम, "शांति और विकास के लिए युवा कौशल" के बारे में बताते हुए कहा कि कैसे, शांति स्थापना और संघर्ष समाधान में युवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका है और हमारा देश भी युवा प्रधान देश है जो युवा शक्ति को रेखांकित करता है।"