छत्तीसगढ़ के ग्रामीण युवाओं के लिए क्रिस्प में सहायक इलेक्ट्रीशियन का तीन महीने का आवासीय प्रशिक्षण प्रदान किया गया
भोपाल। क्रिस्प में छत्तीसगढ़ से आए ग्रामीण युवाओं के लिए सहायक इलेक्ट्रीशियन का कोर्स कराया गया। तीन महीने के इस आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के विभिन्न शहरों जैसे बिलासपुर, कोरबा और जांजगीर चांपा व अन्य गांव के युवाओं को उनकी दक्षता के आधार पर चुना गया। प्रशिक्षणार्थियों के चुनाव के लिए विशेष शिविर का आयोजन भी किया गया था और एनटीपीसी द्वारा उनका सत्यापन भी किया गया।
प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान प्रतिभागियों को बिजली के औजारों और बिजली के उपकरणों के चयन और उनके सही उपयोग, प्रकाश की स्थापना और कम वोल्टेज बिजली के तारों, कम वोल्टेज बिजली के पैनलों की स्थापना और रख-रखाव पर तकनीकी जानकारी प्रदान की गई। तकनीकी जानकारी के अलावा प्रशिक्षुओं ने कार्यस्थल पर बेहतर परफॉर्म करने व टीम में प्रभावी ढंग से कार्य करने के विभिन्न सत्रों में भी भाग लिया।
सहायक इलेक्ट्रीशियन की नौकरी में पड़ने वाली जरूरतों को ध्यान में रखते हुए इस कार्यशाला और प्रशिक्षण का आयोजन किया गया था। प्रतिभागियों का मूल्यांकन, कौशल परिषद की ओर से तय मूल्यांकन एजेंसी द्वारा किया गया। सभी प्रशिक्षुओं ने सफलतापूर्वक मूल्यांकन पूर्ण किया और उन्हें एन.एस.डी.सी ने उनका सर्टिफिकेशन किया। क्रिस्प के प्लेसमेंट सेल ने इन प्रशिक्षुओं के लिए कैंपस इंटरव्यू का भी आयोजन किया, जिसके परिणामस्वरूप सभी प्रशिक्षुओं को अहमदाबाद स्थित एक उद्योग से प्लेसमेंट ऑफर मिला।
क्रिस्प के एमडी डॉ. श्रीकांत पाटिल ने प्रशिक्षण कार्यक्रम के सफल समापन और प्लेसमेंट ऑफर प्राप्त करने पर सभी प्रशिक्षुओं को बधाई दी। एनटीपीसी सीपत के अधिकारियों ने प्रशिक्षण कार्यक्रम और क्रिस्प टीम द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की है। एनटीपीसी सीपत ने गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण और नौकरी के अवसर प्रदान करने के समग्र उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए भविष्य में ग्रामीण युवाओं के लिए इसी तरह के कार्यक्रम आयोजित करने का आश्वासन दिया है।
अभ्यर्थियों के अनुभव
- चमन कुमार
मैं इस कार्यशाला में आने से पहले एक मामूली इलेक्ट्रिक शॉप पर काम करता था पर इस कार्यशाला को करने के बाद न सिर्फ मुझे नौकरी मिली बल्कि मेरी सैलरी 18हजार रुपए हो गई है, इससे मैं अपने परिवार का जीवनयापन अच्छे से कर पाऊंगा।
- यग्नेश्वर साहू, बिलासपुर
हम बिलासपुर के छोटे-से गांव से हैं और इस तरह का प्रशिक्षण हमारे लिए बहुत उपयोगी है। इस प्रशिक्षण के बाद हम सभी को अहमदाबाद की एक कंपनी में नौकरी भी मिल गई है।
- आशीष कुमार
इस ट्रेनिंग में आने से पहले मुझे अर्थिंग और फेज में अंतर भी नहीं पता था, लेकिन अब मुझे सरे बेसिक्स पता हैं और ट्रेनिंग के बाद मैंने अपना मूल्यांकन पूर कर प्लेसमेंट भी हासिल कर लिया है अब में बतौर सहायक इलेक्ट्रीशियन काम करूंगा।